श्याम चरणों में समर्पित ग़ज़ल पुष्प🌹🌹
हम कबसे नाम उसका लिए जा रहे हैं
वो महफिल में रूसवा किए जा रहे हैं
नहीं याद उसको हमारी मोहब्बत
वो सीतम पर सीतम हां किए जा रहे हैं
लब हिलते हैं और हम सिये जा रहे हैं
वो गम पे हमें गम दिए जा रहे हैं
बीती बातें वो यादें सताती है मोहन
वो जख्मों पे जख्म हां दिए जा रहे हैं
हम आंसू पे आंसू पिएं जा रहे हैं
वो पर्दे पे पर्दा किए जा रहे हैं
ना मर भी सकता है ये श्याम दीवाना
ना चाहकर भी अब हम जिए जा रहे हैं।।
अर्ज़ है...
कभी फुर्सत से बैठो दर्द का दिल के तराजू में हिसाब करेंगे
तेरे दर्द का वजन अधिक निकला ना कभी हम आह भरेंगे
जो क़र्ज़दार हुआ श्याम दीवाना तेरे दर्द का मोहन
समंदर का इंतजार नहीं चुल्लू भर पानी में डूब मरेंगे।।
जय श्री श्याम 🙏🙏
जय जय श्री राधे 🙏🙏
पिंटू कुमावत'श्याम दिवाना'🙏🙏💐💐
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