महाभारत
कृष्ण ने रोका मार्ग
कौन हो तुम।
मैं बर्बरीक
नीले घोड़े सवार
मोर्विनंदन।
भीम का पौत्र
घटोत्कच का पुत्र
हूं शक्तिशाली।
पाशा बदलूं
तीन बाण से लड़ूं
मैं बलशाली।
सोचा कृष्ण ने
बातों में फुसलाया
दिखाओ शक्ति।
चलाओ बाण
हर पत्ते को बीनों
मानूं मैं वीर।
वीर ने तब
एक बाण चलाया
पत्तो को बीना।
तीर जा रूका
जहां कृष्ण ने एक
पत्ता दबाया।
हटा लो कान्हा
मैं पत्ते को बीनूंगा
पैर हटाओ।
शक्ति को जाना
तब कृष्ण ने कहा
मुझे तू जान।
शीश का दान
कर दो बलवान
मैं हूं ईश्वर।
वीर ने जाना
प्रभू को पहचाना
शीश लो दान।
प्रभू से कहा
रण देखना चाहूं
स्वीकारो अर्जी।
ले वरदान
मिला श्याम का नाम
खाटू में धाम।
खाटू नगरी
बैठा है श्याम धणी
खाटूश्यामजी।
लखदातार
वो तीन बाणधारी
सांवरा सेठ।
ग्यारस मेला
भीड़ लगे है भारी
दरबार में।
फूलों से सजे
चूरमा भोग लगे
श्याम धणी के।
सबका प्यारा
है हारे का सहारा
श्याम मुरारी।
सुन लो प्यारे
अर्ज है तेरे द्वारे
लगे हाजिरी
खाटू नरेश
तेरी सदा ही जय
जय श्री श्याम।।
🌹🌹जय श्री श्याम 🌹🌹
पिंटू कुमावत'श्याम दीवाना'🙏🙏💐💐
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