शीर्षक - तुम मिलते नहीं वहां जहां देते हो तुम ठिकाना
आप सभी स्नेहीजनों के आशीर्वाद से श्याम चरणों में पहला भजन पुष्प अर्पण 🙏🙏जय श्री श्याम 🙏🙏
तुम मिलते नहीं वहां जहां देते हो तुम ठिकाना
किस और जा रहे हैं
किस और जा रहे हैं हमको जरा बताना
तुम मिलते नहीं वहां जहां देते हो तुम ठिकाना
जिससे भी पुछते है कहता है चलते जाओ
कभी दाएं कभी बाएं ऐसे ही मुड़ते जाओ
कैसी तेरी मोहब्बत
कैसी तेरी मोहब्बत कैसा तेरा फ़साना
देते हो दर्द दिल में
देते हो दर्द दिल में कहते हो मुस्कुराना
तुम मिलते नहीं वहां जहां देते हो तुम ठिकाना
(कुछ ऐसे भी मिले राहों में जो पुछते है मुझसे)
किस और जा रहे हो जरा हमें भी बताओं
कुछ पल तो ठहरों गीत हमें भी सुनाओ
(और तुम्हारी शरारत देखों मोहन)
पिलाकर जाम अंखियों से
पिलाकर जाम अंखियों से कहते हो बहक ना जाना
इशारे कर के बुलाते हो कहते हो नहीं आना
तुम मिलते नहीं वहां जहां देते हो तुम ठिकाना
कहते रहे हम सबसे एक फूल तो बिछाओ
राधे संग मिलेंगे मोहन जरा डट कर उसे रिझाओ
(मगर
मगर जब से तेरी हकीकत पहचानी ओ बेदर्दी )
तब से हम क्या कहते हैं गौर फरमाइएगा जरा
यह दर्द का दरिया है
यह दर्द का दरिया है सोच समझ कर कदम बढ़ाना
छेड़ कर वो तार दिल के
छेड़ कर वो तार दिल के बंद कर देता है मुरली बजाना
वो मन का मधुप है छलिया
वो मन का मधुप है छलिया बदल लेता है वो ठिकाना।
सुन लो रे श्याम दीवानों
दिल देके सौदा होता है
सस्ता नहीं है यारों
सस्ता नहीं है यारों मोहन से दिल लगाना
आंखों के है इशारे बस
आंखों के है इशारे बस चक्कर में नहीं आना
सुन लो रे प्रेम दीवानों
एक बार आ गया जो
एक बार आ गया जो भूल जाएगा वो जमाना
कैसी ग़ज़ल रे पिंटू
कैसी ग़ज़ल रे पिंटू, आंसू ही श्याम ठिकाना ।
सुन ले रे श्याम प्यारे
हां सुन ले श्याम प्यारे
कहो कैसे रिझाएं तुम को
क्या दिल ही चीर कर अब
क्या दिल ही चीर कर अब पड़ेगा हमें दिखाना
कतरे कतरे में श्याम तू ही
कतरे कतरे में श्याम तू ही मेरे दिल का तू ही ठिकाना।
तुम मिलते नहीं वहां जहां देते हो तुम ठिकाना
तुम मिलते नहीं वहां जहां देते हो तुम ठिकाना
पिंटू कुमावत'श्याम दीवाना'🙏🙏 💐💐
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